Bounce rate क्या होता है? BounceRate क्यों बढ़ जाता है और BounceRate कम कैसे करें ?

नमस्कार दोस्तों।

आज हम बात करंगे की आखिर bounce rate kya hota hai ? अगर आप खुद भी blogging करते हो तो शायद आपको कुछ अंदाजा होगा की bounce rate kya hai | लेकिन अगर आपको नहीं पता और आप blogging करते है , तो चिंता न करें | आज का हमारा विषय यही है की bounce rate kya hai ?

क्या आपके ब्लॉग पर भी अब एकदम से कम ट्रैफिक आने लगा है? क्या आपकी site भी अब नीचे गिरने लगी है? अगर ऐसा है, तो हो सकता है की bounce rate बढ़ने के वजह से ऐसा हो रहा हो | बिलकुल भी घबराए न , क्यूंकि आज हम आपको यह भी बताएँगे की bounce rate को कम कैसे करें ?

उत्तर पाने के लिए आप यह आर्टिकल पूरा ज़रूर पढ़िए: मुझे यकीं है की अगर आप ऐसा करते है तो आपको पता चल जायेगा की bounce rate kya hai और bounce rate कम कैसे करें ?

अगर आपकी website नई है , तो bounce rate का ज्यादा होना ज़ाहिर सी बात है लेकिन फिर भी इसे नज़रअंदाज़ बिलकुल भी न करे | आपने यह कहावत तो सुनी होगी :-

सावधानी हटी , दुर्घटना घटी !!

वैसे तो बहुत पुरानी-पुरानी websites और ब्लॉग का भी bounce rate काफी high होता ही है, फिर भी हमें इसे हल्के में नहीं लेना चाहिए क्योंकि इससे हमारे ब्लॉग की ranking में फ़र्क पड़ता है और Google भी इस चीज़ को समय समय पर check करता है।

अगर हमारी website का bounce rate ज़्यादा होता है तो हमारी site ranking में नीचे गिर सकती है और फिर उस पर कम ट्रैफिक होने लगता है।

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इसलिए हम आपके लिए यह लेख लाए हैं जिसे पढ़कर आप अपने ब्लॉग के bounce rate को कम कर सकते हैं। आप बस इन points को follow कीजिये और अपने ब्लॉग का bounce rate कम होते देखिये |


Bounce rate kya hai ?(Bounce rate क्या है?)

Bounce rate kya hai
Bounce rate kya hai

Bounce rate उन लोगों की percentage होती है जो लोग हमारी website या ब्लॉग पर सिर्फ एक ही page खोलते हैं और जल्दी से हमारा पेज leave कर देते हैं या छोड़ देते हैं।

  1. Bounce rate को percentage में नाँपा जाता है। शुरू में अधिकतर ब्लॉग का bounce rate ज़्यादा होता है पर धीरे-धीरे उसको कम करा जा सकता है। 
  1. सबसे अच्छा bounce rate माना जाता है 10% से कम जो कि बहुत ही अच्छी वेबसाइट का होता हैं और जिनका 90% से ज़्यादा होता है इसका मतलब उन्हें बहुत सुधार करने की ज़रूरत है।
  1. ज़्यादातर ब्लॉग और वेबसाइट का bounce rate होता है 40 %-70 %। 

इससे हमें यह पता लगता है कि bounce rate कोई ऐसी समस्या नहीं है जिसे सुलझाया नहीं जा सकती बल्कि यह तो लोगों का reaction है हमारी site के प्रति। 

इसलिए हमको अपनी वेबसाइट या ब्लॉग को ऐसा बनाना होगा ताकि वह एकदम से page छोड़कर न जाएं।


BounceRate ज़्यादा क्यों हो जाता है ?

अब हम जानने की कोशिश करेंगे की आखिर वो कौन से factors है जिनकी वजह से हमारी website का bounce ate बढ़ जाता है | कोई भी व्यक्ति इन कारणों से हमारा website छोड़ के जा सकता है |

  • अगर loading time ज़्यादा हो।
  • Page दिखने में अच्छा न हो |
  • Page load होते ही एक बड़ी ad या pop-up का आ जाना |
  • Traffic के लिए गलत keyword पर रैंक करना।
  • बहुत सारे reloadsकरने पर भी website का load न होना |
  • Internal links खराब होना।
  • Single पेज वेबसाइट।

अब इन सारी परेशानियों का हल हमने ढूँढ निकाला है। हमने पहले लोगों के व्यवहार को जाँचा, फिर देखा कि हमारे ब्लॉग में क्या कमी है और जैसे ही हमने इन चीजों का सुधार किया, हमारा bounce rate 78% से सीधा 42% चला गया। इन्हीं तरीकों का आप भी इस्तेमाल कर सकते हैं।


BounceRate कितना होना चाहिए ?

अब जानते है की हमारे blog का bouncerate कितना होना चाहिए जिससे google की नज़रों में हमारी website अच्छा प्रदर्शन करें | इसे अच्छे से समझने के लिए हम इसे तीन हिस्सों में बाँट देते है |

  • 1 %- 30 %
  • 31 %- 75 %
  • 76 %-99 %

जो भी websites का bouncerate 1 %-30 % के बीच होता है , उन्हें अच्छा माना जाता है|ऐसी websites पर लोग ज़्यादा आना पसंद करते है और ज्यादा देर तक रुकते है |आप इन websites को दुनिया के मशहूर websites में से एक बोल सकते है | 31 %-75 % होता है , वो मध्यम वर्गीय websites होती है,अच्छी भी नहीं तो बहुत ख़राब भी नहीं होती है |

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अब आखिर में ऐसी websites जिनका bouncerate 75 % + होता है , उन websites को अपना bouncerate घटाने की बहुत ज़रुरत है | यह websites,user experience के लिए बिलकुल भी अच्छी नहीं है |

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लेकिन हर website का bouncerate भी same नहीं होता है | अलग -अलग website का bouncerate भी बहुत अलग -अलग होता है | आप नीचे दिए हुए आंकड़े पढ़ के समझ सकते है :-

  • Blogs :- 50 %- 80 %
  • Service provide website :- 20 %-40 %
  • ContentWebsite :- 40 %- 60 %
  • LandingPages :- 60 %-90 %

BounceRate कम कैसे करे ?

अब हम आपको बताएँगे की bouncerate को कम कैसे किया जाए | इसे करने के लिए हमने आपको बहुत सारे उपाय बताए है | आप इन सभी तरीको को use करे और comments में बताए की आपको इससे फायदा हुआ या नहीं | चलिए शुरू करते है :-

1 . Videos & Pictures

इनका इस्तेमाल करना बहुत ही ज़रूरी है। यह एक आर्टिकल की जान होती हैं। आप भी चाहेंगे कि आपके ब्लॉग पर आने वाला प्रत्येक व्यक्ति आनंद से आपका content पढ़े और वह bore न हो जाए |

जैसे हम जब भी कोई किताब लेते हैं तो एक बार उसके सारे पन्नों को एक साथ पलट कर देखते हैं कि उसमें कोई तस्वीर है कि नहीं, ऐसा ही ब्लॉग के साथ भी है।

हर कोई एक बार आर्टिकल को नीचे तक जाकर scroll करता है और जहाँ उसका interest बनता है वो वहाँ से पढ़ना शुरू कर देता है |

Videos और pictures की मदद से लोगो को समझने में भी बहुत आसानी होती है। और -तो – और images में alt text डालने से आपके blog का OnpageSEO भी बेहतर हो जाता है जिससे Google आपको high Ranking देता है |

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2.Loading speed

Bounce rate kya hai
Bounce rate ( Loading Speed )

सूत्रों के अनुसार कोई इंसान एक page खुलने का सिर्फ 3 second तक इंतेज़ार करता है, अगर वह तब तक नहीं खुलता तो वह back button दबा देता है चाहे वह article पहले स्थान पर ही रैंक क्यों न कर रहा हो। 

Loading time को 4 हिस्सों में बाँटा जा सकता है-

  • Perfect- 1 second में
  • Good- 1 से 3 second में
  • Average- 3 से 7 second में
  • Poor- 7 second से ज़्यादा

हमारा लक्ष्य perfect time का होना चाहिए।इसलिए loading speed को बढ़ाना बहुत ज़रूरी है।

आप अपने page की speed gtmetrix, GooglePageInsight पर चेक कर सकते हैं। यह आपको साथ में यह भी बताएँगे कि किस वजह से आपकी Page load speed में कमी आ रही है।

इसके बाद आप इन points से समाधान निकाल सकते हैं-

  • Compress images

ज़्यादातर अच्छी images 1mbसे ज़्यादा की होती हैं और उनको लगाने से ब्लॉग की speed काफी घट जाती है। 

इसलिए आप अपनी images को लगाने से पहले compress कर सकते हैं जिनसे उनकी quality same रहती है पर size कम हो जाता है।

Compress करने के लिए कुछ tools हैं-

  • Fast hosting provider

हम हमेशा कोशिश करते हैं कि हमें सबसे सस्ती होस्टिंग मिले। पर कई बार यह सस्ती होस्टिंग भी हमें महंगी पड़ सकती है क्योंकि वह अच्छी speed नहीं देती और उसे बदलने की ज़रूरत पड़ सकती है।

इसलिए मेरा आपसे यही निवेदन है कि सबसे पहले आप सभी होस्टिंग सर्विस की खूबियाँ देखें, फिर सही विकल्प चुनें।

  • Browser Caching

जब हम किसी पेज पर जाते हैं, तो हमें उसके जितने resources दिखते हैं वो हर बार load होते हैं। जैसे pictures, html script आदी। 

और इन सबको लोड होने में हर बार समय लग सकता है। इसलिए हम browser caching method का इस्तेमाल करते हैं जिससे कि यह resources हमारे फ़ोन में cache या cookies के रूप में डाउनलोड हो जाते हैं और जब भी हम उस पेज पर दोबारा जाते हैं उसको load होने में बहुत कम समय लगता है। 

इस को हम w3 total cache tool की मदद से कर सकते हैं। अगर आपकी वेबसाइट wordpress के द्वारा बनी है तो यह आपके लिए एक perfect option है।

यह टूल दावा करता है कि यह आपकी site की performance को 10x बढ़ा सकता है।

  • Amp

Amp का मतलब है Accelerated Mobile Pages । यह mobile के लिए इस्तेमाल होता है जब हमारा फ़ोन भारी और फालतू elements को नहीं load कर पाता, तो यह उन्हें हटा देता है। इससे पेज की जानकारी में और दिखने में ज़्यादा फर्क नहीं आता पर पेज की speed काफी ज्यादा बढ़ जाती है।

इसकी वजह से हमें आर्टिकल को रैंक करने में काफी मदद मिलती है क्योंकि यह दूसरे आर्टिकल से जल्दी load होता है इसलिएranking में ऊपर आ जाता है।


3 . Design और looks

Bounce rate kya hai
Bounce rate kya hai

अगर आप बाउंस रेट की बात कर रहे हैं तो site के looks बहुत ज़्यादा matter करते हैं। मैंने आपको ऊपर भी बताया था कि एक इंसान सबसे पहले आर्टिकल को नीचे तक देखता है और अगर उसको अच्छा लगता है वह तभी उसे पढता है।

वह website पर आते ही चला जाएगा और आपका आर्टिकल कभी नहीं पढ़ेगा।इसलिए अपने पेज को सुंदर बनाने के लिए आप इन points का इस्तेमाल कर सकते हैं-

  • White space दें

समय समय पर white space दें ताकि आर्टिकल में खिचड़ी न पके।

  • छोटे paragraphs

Paragraph को छोटा ही रखें , ज़्यादा से ज़्यादा 40 शब्द ताकि लोग पढ़ते पढ़ते थक न जाएँ और important विषयों को bold ज़रूर करें।

  • Sub headings

Sub headings से सिर्फ इंसानों को ही नहीं बल्कि Google को भी आपकी साइट crawl करने में मदद मिलती है जिससे वह समझ सके की आपने किन keywords का प्रयोग किया है |

  • Theme और design

एक अच्छा design पेज की beauty को और निखार देता है।एक अच्छी theme से स्पीड में भी सहायता मिलती है और लोग बहुत जल्दी आकर्षित होते हैं। इसलिए हमें theme सोच समझके लेना चाहिए।

  • Color combination और font size 

इसका खास ध्यान रखना चाहिए कि लोगों को पढ़ने में आसानी हो और उन्हें बार-बार zoom करके न देखना पड़े।

अपनी site को simple और आकर्षित बनाइये, जैसे कि English में कहावत है, “beauty lies in simplicity”।


4 . Quality content

हमारी psychology के अनुसार हम सबसे पहले पूरे आर्टिकल के बीच में से lines पढ़ते हैं, उसके बाद पूरा आर्टिकल शुरू से पढ़ते हैं। 

इतने समय में हमारा दिमाग यह decide कर लेता है कि यह चीज़ पढ़ने लायक है कि नहीं।

इसलिए लोगों को अपने पेज पर बनाए रखने के लिए हमें quality content बनाने की आवश्यकता है। हमें फालतू में अपना content लम्बा नहीं करना चाहिए।

  • हमें अपने customer को भगवान की तरह समझना चाहिए और उनको valuable कंटेंट देना चाहिए, हमेशा पैसे कमाने के बारे में नहीं सोचना चाहिए। 
  • इसी गलती की वजह से लोग अपने ब्लॉग पर बड़ी ads और pop ups लगा देते हैं जिससे जानकारी नहीं दिखती और लोग पेज को छोड़ देते हैं। 
  • अपने आर्टिकल को simple रखिए और उतना ही लिखिए जितने में पढ़ने वाले को समझ में आ जाए |
  • ध्यान खींचने वाले शब्दों का इस्तेमाल कीजिये जैसे- 
    • इसे ज़रूर पढ़ें
    • आप चौंक जाएँगे
    • इससे मैंने सोचा
    • जल्दी से पढ़ें
    • और मुहावरे।

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5 . Internal links

Bounce rate kya hai
Bounce rate ( internal linking )

हमारा काम अपनी site पर लोगों का मन बनाये रखना है, इसलिए हमें उन्हें दूसरे पेज पर भी भेजना चाहिए ताकि bounce rate कम हो सके।आपको अपने दुसरे articles को एक साथ interlink करना चाहिए जिससे जिन लोगो को उस बारे में जानना हो , पढ़ सके |

Internal लिंक करते हुए हमें खास ख्याल रखना चाहिए कि हम अपने वर्तमान पेज को ही नहीं बल्कि नए पेज को भी अच्छा बनाएँ ताकि लोग उस पर भी समय बिताएँ।

साथ में हमें अपने internal link में बहुत सारे reloads नहीं डालने चाहिए। इससे ग्राहक को लगता है कि हमारा पेज कोई scam है और वह उसी समय back button दबा देता है | और internal link सही पेज के लिए देना चाहिए। अगर गलत पेज का देते हैं तो जाहिर सी बात है कि लोग वापिस जाएँगे।

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किसी भी लिंक को नए tab में खुलना चाहिए। यह आप settings में बदल सकते हैं।


6 . Visitor Friendly Heading डालें

हमेशा कोशिश करें की content से related heading ही डालें | Clickbait headings लिख के traffic लाने का कोई फायदा नहीं होगा क्यूंकि , जब उन्हें पता चलेगा की आपने गलत heading लिखी है ,वो वापस चले जाएंगे और BounceRate बढ़ जाएगा , साथ में अब वह आपकी site को trust नहीं करेगा |

अगर हम गलत keyword के लिए रैंक होते हैं तो हम ग्राहक के इरादों को पूरा नहीं कर रहे। वह कुछ और जानकारी लेना चाहता था पर उसे कोई और जानकारी मिल रही है। 

जिससे वह चिड़ जाता है और बाहर निकल आता है। इसका मतलब ये नहीं कि हमारी जानकारी गलत है पर वह गलत keyword पर रैंक हो गयी है। 

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7 . Mobile Friendly blog बनाए

Bounce rate kya hai
Bounce rate kya hai

ज़्यादातर लोग अब mobileके माध्यम से internet पर search करते है | आने वाले समय में mobile चलाने वालों की संख्या और भी ज़्यादा बढ़ जाएगी | इसलिए आपको यह ध्यान देना चाहिए की आपका blog mobile friendly हो | आप जिस भी theme का इस्तेमाल करें , वो mobile friendly होनी चाहिए |

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इस चीज़ का ख़ास ध्यान रखें।

निष्कर्ष (Conclusion)

मैं उम्मीद करता हूँ दोस्तों कि आपको समझ आ गया होगा कि Bounce rate kya hai और अभी तक आपका bounce rate इतना क्यों बढ़ रहा था। आप इन steps को follow करके आसानी से अपनी website या ब्लॉग पर अच्छा ट्रैफिक ला सकते हैं और लोगों का आपके पेज को एकदम से छोड़ कर जाना रोक सकते हैं। 

अगर आपको यह आर्टिकल पसन्द आया तो आप comment ज़रूर कीजिये, हमें बताइए आपकी और कौनसी समस्या है, हम उसका समाधान निकालने की कोशिश करेंगे। ऐसे ही और आर्टिकल पढ़ने के लिए आप हमारे blog को ज़रूर फॉलो करें। 

इस आर्टिकल को आप अपने दोस्तों के साथ भी शेयर कर सकते हैं जिनके ब्लॉग का bounce rate बहुत बढ़ गया है।हमारे article को social media पर ज़रूर share करे जिससे bloggers के बीच जागरूकता बढ़े |

धन्यवाद !!!..

Aryan
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